Friday, January 22, 2010

झारखंड से नक्सलियों का पलायन

जशपुरनगर। जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों को खौफ बना हुआ है और नक्सलियों के नाम पर प्रत्याशियों के समर्थन की अटकलें लगाई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड में पुलिस गतिविधि से नक्सली छत्तीसगढ़ की ओर आ रहे हैं। दोनों राज्यों की सीमा पर नक्सलियों और पुलिस की आंख मिचौली जारी है। इस बीच पंचायत चुनाव में खड़े प्रत्याशियों के ऊपर चौतरफा दबाव बना हुआ है और कई प्रत्याशी चुनाव को लेकर उत्साहित नहीं है। रोजगार गारंटी योजना के प्रारंभ से ही पिछले पूरे ५ वर्षों में अपराधिक तत्वों द्वारा लेवी वसूली, अपहरण के कई मामले जग जाहिर होते रहे हैं और दर्जनों मामले न्यायालय में विचाराधीन भी हैं। चौतरफा दबाव के परिणाम स्वरूप पंचायतों में भारी अनियमितता देखने को मिली, जिससे १०० से भी अधिक सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई हुई। कई सरपंच बर्खास्त हुए और एक दर्जन से भी अधिक सरपंचों को जेल की भी हवा खानी पड़ी। सरपंचों की बर्खास्तगी व बड़े पैमाने में प्रकरण दर्ज किए जाने के पीछे भी नक्सली व आपराधिक तत्वों को कारण माना जाता है।

फरार हैं कई अपराधी : जिले के कई ईनामी कुख्यात अपराधी आज भी फरार हैं और इन्हें पकड़ने में पुलिस को नाकामयाबी ही मिली है। नक्सली संगठन के नाम से अपराधों को अंजाम देने वाले मंगल नगेसिया, अशोक उरांव जैसे कई आरोपी आज भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। पीलएफआई के सदस्य के रूप में काम कर रहे मंगल नगेसिया के नाम का जिला सहित झारखंड में भी खौफ है और पंचायत चुनाव में इनके नामों को खूब उछाला जा रहा है।

रुके हैं कई निर्माण कार्य : नक्सली खौफ के कारण कई क्षेत्रों के निर्माण कार्य आज भी रुके हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक मनोरा विकासखंड की तीन महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका है। इनमें मनोरा से मधवा तक १३।३८ किलोमीटर, जामपाठ से कपरोल तक ५.७ किलोमीटर व सरजुला से घाघरा के बीच ९.३५ किलोमीटर शामिल है।

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