Sunday, January 3, 2010

आदिवासी नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई लड़ने तैयार

जगदलपुर ! बस्तर के आदिवासी नक्सलियों का साथ छोड़कर शासन को साथ देने सामने आ रहे हैं। आपरेशन ग्रीन हंट प्रारंभ होने से नक्सलियों को किसी भी प्रकार का जनसहयोग अब नहीं मिल रहा है। इसके अलावा बस्तर में अकारण सैकड़ों लोगों के मारे जाने के विरोध में आदिवासी नवयुवक एवं युवतियां नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई लड़ने तैयार हो गए हैं। बस्तर एसपी पी सुंदरराज ने बताया कि नक्सलियों द्वारा गांव-गांव में आदिवासी नवयुवक एवं युवतियों को जबरन अपने साथ ले जाने के प्रयास का ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है। नक्सलियों की जनविरोधी हरकतों एवं आदिवासियों के शोषण को समझने के बाद ग्रामीणों ने अब नक्सलियों को किसी भी प्रकार का साथ ने देने की इच्छा व्यक्त की है तथा शासन द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों पर सहयोग देने का मन बना लिया है। उन्होंने बताया कि विगत 4-5 माह से 1000 से अधिक आदिवासी युवक-युवती, नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में अपने आपको शामिल करने के लिए विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के पद पर भरती हुए हैं, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें जंगल युध्द, शारीरिक फिटनेस, फायरिंग, वेपन्स हेंडलींग एवं कानून की जानकारी भी उन्हें प्रदान की जा रही है। अब तक 300 से अधिक एसपीओ टे्रनिंग पूरी कर जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान में शामिल हो चुके हैं, तथा 200 आदिवासी नवयुवक एसपीओ का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। बस्तर पुलिस द्वारा गांव-गांव में पहुंचकर आदिवासी युवाओं से, हत्यारे एवं लुटेरे नक्सलियों का साथ न देने एवं अधिकारों के हित में लड़ाई जारी कर, युध्द में पुलिस का साथ देने की अपील की जा रही है।

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