
संजीत कुमार
रायपुर। दंतेवाड़ा स्थित वनवासी चेतना आश्रम के संचालक हिमांशु कुमार के समर्थन में वहां पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर व संदीप पांडेय के साथ बुधवार को स्थानीय ग्रामीणों ने बहस की और बदसलूकी करते हुए उन्हें वापस जाने कहा। उन पर अंडे, टमाटर भी फेंके गए। पुलिस ने इसे मंगलवार को हुई घटना की प्रतिक्रिया करार दिया है। इधर आश्रम संचालक हिमांशु कुमार गायब हैं और पुलिस उन्हें फरार बता रही है।
गौरतलब है कि आपरेशन ग्रीन हंट रोके जाने की मांग करते हुए हिमांशु हड़ताल पर बैठे हुए थे। पुलिस ने उन्हें कड़ी सुरक्षा भी मुहैया करवाई थी। उन्होंने 7 जनवरी को एक जनसुनवाई भी आयोजित की थी।
इस बीच मंगलवार को वे कड़ी सुरक्षा के बावजूद अचानक अपने आश्रम से गायब हो गए, इससे पहले उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से जनसुनवाई स्थगित करने की सूचना जारी कर दी थी। मंगलवार को ही आश्रम में दिल्ली व अन्य कुछ स्थानों से आए मीडियाकर्मी व समाचार संकलन के लिए पहुंचे स्थानीय पत्रकारों के बीच बहस व झूमाझटकी हुई थी। मामला पुलिस तक पहुंच गया था और स्थानीय पत्रकारों ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई। इधर इस मामले में आज तब मोड़ आयाजब सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर व संदीप पांडेय पहुंचे। । उनके दंतेवाड़ा आगमन की खबर मिलने पर स्थानीय पत्रकार व ग्रामीणों ने उनका विरोध करते हुए उनसे वापस दिल्ली जाने कहा।
विरोध के दौरान ग्रामीण उन्हे नक्सली समर्थक भी बता रहे थे। विरोध इतना यादा था कि मेधा पाटकर व संदीप पांडेय ने उनसे शांत रहने के लिए कहा। इस बात पर ग्रामीण व पत्रकार नाराज हो गए और विरोध का स्वर बहस में बदल गया। इसी बहस के दौरान मेधा पाटकर व संदीप पांडेय के साथ बदसलूकी की खबर सामने आई है। दंतेवाड़ा एसपी अमरेश कुमार से इस संबंध में बताया कि स्थानीय पत्रकार व ग्रामीण मंगलवार को दिल्ली से आए मीडियाकर्मियों द्वारा की गई मारपीट से नाराज थे। सभी आज इसी विषय को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच मेधा पाटकर, संदीप पांडेय के साथ सामान्य बहस हुई है जिसमें किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने आगे बताया कि अभी सब कुछ ठीक है और मेधा पाटकर व संदीप पांडेय वनवासी चेतना आश्रम में सुरक्षित हैं।
उदर एसपी अमरेश मिश्रा ने बताया कि हिमांशु कुमार फरार हैं। इस संदर्भ में मेधा पाटकर से अमरेश मिश्रा ने जब बातचीत की तो मेधा पाटकर ने कहा कि जंगल में मोर नाचा, किसने देखा, हम उन्हे दिल्ली ले जाएंगे।
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ReplyDeleteठीक कहा मेधा ने - सब कुच्छ दिल्ली में ही होना चाहिए. बस वहीं तो आदमी रहते हैं, देश के शेष भाग में तो जंगली ही बसते हैं. सब कुच्छ दिल्ली में ही होना चाहिए, बाकी सब को आग लगा देनी चाहिए.
ReplyDeletehey, kya mai jan sakta hu ki ye kiska blog hai???????????
ReplyDeletecoz ye khabar maine likhi thi. visfot.com k liye
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जयराम "विप्लव"
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