
रायपुर ! मानवाधिकार कार्यकर्ता सुश्री मेधा पाटकर ने स्वीकार किया की नक्सलियों के बीच हमारा कोई संवाद नहीं है। लेकिन हम उनके द्वारा की जा रही हिंसा का भी विरोध करते है। विगत दिवस दंतेवाड़ा में जो कुछ हुआ वह नहीं होना चाहिए था। पुलिस की मौजूदगी में हम पर हमला किया गया। सरकार से हमारी पूछताछ अभी पूरी नहीं हुई है। हम फिर आएंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री पी। चिंदम्बरम की उपस्थिति में 6 से 7 जनवरी को दंतेवाड़ा में जनसुवनाई का आयोजन किया गया था। इसलिए हम यहां आए थे। यहां आकर पता चला कि जनसुनवाई स्थगित हो गई है। जिस तरह से हमारे साथ पुलिस, व्यापारियों और नागरिकों ने सुलूक किया वह अप्रत्याशित था, हम मानव अधिकारों के सर्मथक किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करते हैं।
प्रेस क्लब में आज आयोजित एक पत्रकारवार्ता में सुश्री मेधा पाटकर ने आगे कहा कि हिंसा का अंत होना चाहिए। हम जनता के अधिकारों के मुद्दों पर काम करते हैं। हमारी सोच बहुत साफ है। राय में निर्माण कार्य होने चाहिए ताकि आम जनता खुशहाल हो, तो हमें यहां आने की जरूरत क्या है। जनता शांतिप्रिय होती है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लगाए गए विशेष सुरक्षा अधिनियम से सुरक्षा नहीं होगी। हम चाहते हैं कि स्थानीय स्तर पर सशक्त संगठन बनें, जो नक्सलियों के बीच संवाद स्थापित करे। हम आपरेशन ग्रीन हंट का विरोध करने नहीं आए हैं। उन्होंने उल्फा, नागा आंदोलनों का उदाहरण देते हुए कहा कि आज वहां सीज फायर है, सरकार और विद्रोहियों के बीच बातचीत हो रही है। कुछ न कुछ सकारात्मक हल निकलेगा। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने में उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। इस पर पत्रकारों ने अपना ऐतराज जताया। अंत में उन्होंने स्वीकार किया कि नक्सलियों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है वे हमारी बात नहीं मानेंगे उनसे हमारा कोई संवाद नहीं है लेकिन हम उनकी हिंसा का विरोध करते हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान प्रेस क्लब के बाहर नक्सलियों की हिंसा के विरोध में जमा हुए लोगों ने मेघा पाटकर वापस जाओ, हमारे मां-बाप के हत्यारों को फांसी पर चढ़ाओ, के नारे लगाए। वे हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। तख्तियों पर यह भी लिखा था कि वे नक्सली हिंसा का विरोध क्यों नहीं करते। प्रेस वार्ता के दौरान विभिन्न समाज सेवी संगठन से जुड़े कविता श्रीवास्तव, संदीप पाण्डेय, जनकलाल ठाकुर, प्रियंका पुजारी,कामायनी एवं जेब्रियन भी मौजूद थे। जबकि राजेन्द्र सायल एवं उनके कई समर्थक भी प्रेस क्लब परिसर में उपस्थित थे।
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