रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मंगलवार को नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के 73 जवान शहीद हो गए, जबकि आठ घायल हैं।शहीद होने वालों में एक उप कमांडर और एक सहायक कमांडर शामिल है। नक्सलियों द्वारा देश में किया गया यह अबतक का सबसे बड़ा हमला है। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने इस हमले पर दुख प्रकट करते हुए नक्सलियों के कृत्य की कड़ी निंदा की है। बताया जा रहा है कि अभी भी समाचार लिखते वक्त भी मुठभेड़ कई जगहों पर जारी है ।
पुलिस प्रवक्ता एवं महानिदेशक आर के विज ने बताया कि सीआरपीएफ की 80 सदस्यीय 62वीं बटालियन को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले के मुकराना के घने जंगलों में घेर लिया और उन पर घात लगा कर हमला कर दिया जिससे बल के 72 जवान और जिला पुलिस का एक जवान सहित 73 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए तथा अन्य आठ घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि घटनास्थल से इन सुरक्षाकर्मियों के शव बरामद किए गए हैं और समझा जाता है कि लगभग एक हजार नक्सलियों ने इस नृशंस कार्रवाई को अंजाम दिया। विज ने बताया कि घायलों में से आठ को इलाज के लिए ले जाया गया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक विक्रम श्रीवास्तव ने बताया कि नक्सलियों के हमले के दौरान सीआरपीएफ के जवान जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर थे। यह बहुत दु:खद घटना है। चिदंबरम ने कहा कि कहीं न कहीं कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ी हुई होगी। यह माओवादियों की बर्बर प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है कि वे किस तरह की क्रूरता एवं नृशंसता कर सकते हैं। सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक जनरल विजय रमन जंगल की ओर रवाना हो गए हैं। रमन नक्सल-विरोधी कार्यबल के कमांडर भी हैं। घटनास्थल के लिए अतिरिक्त बल भेज दिए गए हैं और इलाके में तलाशी अभियान जारी है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हमला उस समय हुआ जब सीआरपीएफ की 62वीं बटालियन सुबह छह से सात बजे के बीच अभियान के लिए जंगलों में घुसी। सुरक्षा बल के जंगल में घुसते ही माओवादियों ने उन पर हमला बोल दिया।
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक विश्व रंजन ने बताया कि घायलों को वहां से बाहर निकालने और शवों को लाने के लिए हेलीकाप्टरों की सेवा ली जा रही है। सीआरपीएफ का दल अचानक हुए इस हमले से हतप्रभ रह गया। माओवादी एकदम से पहाड़ी पर आए और उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी और आईईडी विस्फोट शुरू कर दिए। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया कि नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रहे वाहन को उड़ा दिया। मिश्रा ने बताया कि यह घटना जिले के चिंतालनार-मारमेतला गांव में हुई। सीआरपीएफ का दल पिछले तीन दिन से तलाशी अभियान के तहत तारमेतला के अंदरूनी जंगलों में डेरा डाले हुए था। माओवादियों ने इससे दो दिन पहले उड़ीसा के कोरापुट में बारूदी सुरंग विस्फोट किया था, जिसमें नक्सल विरोधी विशेष कार्रवाई बल के 11 जवान शहीद हो गए थे। इसके पहले 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स के शिविर में माओवादियों ने हमला किया था, जिसमें सुरक्षा बल के 24 जवान शहीद हो गए थे।
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