चेन्नई। नक्सलवाद को देश का सबसे बड़ा दुश्मन करार देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार अगले दो-तीन साल में इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पश्चिम बंगाल के लालगढ़ में माओवादी प्रभाव वाले इलाके का दौरा करने के बाद चिदंबरम ने कहा कि पिछले 10-12 साल में नक्सलवाद से सही तरीके से निपटा नहीं गया इसी वजह से इस समस्या ने विकराल रूप ले लिया है।
गृहमंत्री ने कल रात यहां से 45 किलोमीटर दूर उपनगरीय इलाके में आयोजित एक जनसभा में कहा कि नक्सलवाद देश का अव्वल दर्जे का दुश्मन है।
उन्होंने कहा कि हम नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ हैं। हम पिछले 10-12 साल तक इस समस्या को सहते रहे, इसलिए अब इसने बड़ा रूप अख्तियार कर लिया है।
चिदंबरम ने कहा कि केंद्र मजबूती से कायम है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी भी दृढ़प्रतिज्ञ हैं। चिदंबरम ने कल ही नक्सलियों को कायर करार दिया था। उन्होंने बाद में नक्सलवाद और आतंकवाद को एक ही तराजू में तोलने की बात कही।
चिदंबरम ने कहा कि भारत में नक्सलवाद और आतंकवाद की कोई जगह नहीं है। हम उन्हें कोई मौका नहीं देंगे। हम आखिरी दम तक आक्रामकता के साथ आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ेंगे और आपको भरोसा दिलाते हैं कि हम दो या तीन साल में इन पर पूरी तरह काबू कर लेंगे।
बजट में रक्षा मद पर भारी आवंटन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन द्वारा भारत के साथ 'शत्रु' जैसा बर्ताव करने के मद्देनजर ऐसा करना जरूरी हो गया था। वर्ष 2010-11 के लिए भारत का रक्षा बजट 147,344 करोड़ रुपए तय किया गया है।
चिदंबरम ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को प्रशिक्षित करके उन्हें भारत में दाखिल कराने की फिराक में है। साथ ही वह मुल्क में हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिश भी कर रहा है। हम जब भी पाकिस्तान से बात करना चाहते हैं, हमें आतंकवाद पर बातचीत करनी होती है, लेकिन उस मुल्क को यह बात रास नहीं आती। गृहमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है और सभी आतंकी गतिविधियों, चाहे अफगानिस्तान में हो या अमेरिका में, सभी जगह पाकिस्तान का दखल देखा जा सकता है।
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