रायपुर।१८ मई । भले ही श्रीलंका से उग्रवादी समूह लिट्टे का सफाया हो गया हो लेकिन नक्सलियों को उनकी तरफ से मिली सीख छत्तीसगढ़ में किए जा रहे आईईडी हमलों में दिखाई दे रही है।
माना जा रहा है कि उन्नत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) को आज की घटना से कुछ दिन पहले लगाया गया होगा और विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के एक असैन्य बस में यात्रा करने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद इसे अंजाम दिया गया होगा।
अधिकारियों ने कहा कि वामपंथी उग्रवादियों ने आज एक असैन्य बस में विस्फोट करने में इसी तकनीक का इस्तेमाल किया, जिनमें कम से कम 40 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने आईईडी लगाने के लिए सड़क के एक किनारे पर नीचे से सड़क की कठोर परत तक सुरंग खोदी।
अधिकारियों ने कहा, ''इस तरह से उन्होंने सड़क की पपड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, ताकि संदेह नहीं हो। सड़क के किनारे पर खोदने के निशान आसानी से हटा लिए गए। इस तरह से वह आईईडी भी आसानी से फिट कर सकते हैं और प्रभावी तरीके से विस्फोट कर सकते हैं।''
शीर्ष पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लिट्टे भी श्रीलंकाई बलों के खिलाफ इस तकनीक का इस्तेमाल करता था।
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