रायपुर। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में नक्सल बंद के दूसरे दिन पश्चिम बंगाल में नक्सली घटना के बाद राज्य में पुलिस को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। वहीं बस्तर क्षेत्र के निवासी डरे हुए है।
राज्य में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज बताया कि नक्सलियों द्वारा बंद के आहवान को देखते हुए राज्य में सभी जिलों और थानों को सतर्क कर दिया गया है वहीं पश्चिम बंगा की घटना के बाद राज्य के सीमावर्ती जिलों और थानों को विशेष चौकसी बरतने के लिए कहा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा क्षेत्र में नक्सली लगातार रेल्वे ट्रेक को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते है इसलिए इन क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
दंतेवाड़ा जिले के सूत्रों ने बताया कि यात्री बस पर नक्सली हमले में 31 लोगों के मारे जाने की घटना के बाद से यहां के बस नहीं चला रहे है। दंतेवाड़ा के नागरिकों और दुकानदारों ने घटरना के विरोध में मंगलवार को शहर बंद रखा था लेकन आज बाजार खुले हुए है।
दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय के एक व्यापारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि क्षेत्र में लगातार हो रही घटनाओं और बंद से उनका व्यापार प्रभावित हुआ है तथा अब यात्राकरने में भी डर लग रहा है। व्यापारी ने बताया कि उसे जरूरी काम से सुकमा जाना था, लेकिन परिजनों के कहने के बाद अभी उसने यात्रा टाल दी है।
उन्होंने बताया कि लोग सुकमा और कोंटा जैसे जगहों पर यात्रा करने से डर रहे है।
इधर बस्तर क्षेत्र के बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक अविनाश मोहंती ने बताया कि बंद के दूसरे दिन शहरी क्षेत्रों में बसे और अन्य वाहन चल रहे है लेकिन आवापल्ली जैसे अंदरूनी क्षेत्रों में बस आपरेटरों द्वारा बस नहीं चलाने के कारण लोगों को आवागमन में दिक्कते आ रही है।
मोहंती ने बताया कि बल के जवान मुस्तैद है तथा क्षेत्र में अभियान जारी है।
कांकेर जिले के पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने बताया कि जिले के शहरी क्षेत्र में बंद का कोई असर नहीं है तथा अभी तक स्थिति सामान्य है। अंदरूनी क्षेत्रों में आवागमन पर असर पड़ा है लेकिन सुरक्षा बल के जवान स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में नागरिकों पर नक्सली हमले के बाद बस्तर क्षेत्र के निवासी सहमे हुए है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बल उन्हें भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे है।
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