नई दिल्ली ! कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि नक्सली गतिविधियां आपराधिक हैं और पूरी तरह से अमान्य है, लेकिन वामपंथी लड़ाकों को आतंकी नहीं कहा जाना चाहिए।
सिंह ने सीएनएन-आईबीएन के डेविल्स एडवोकेट कार्यक्रम में कहा, ''उनकी आपराधिक गतिविधियों का कोई बचाव नहीं कर सकता। लेकिन वे आतंकी नहीं हैं। वे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपराध किया है, जिससे सख्ती से और निर्णायक रूप से निपटना है। लेकिन यहीं पर आप उनकी तुलना सीमा पार के आतंकियों से नहीं कर सकते।''
दिग्विजय सिंह ने हाल में एक समाचार पत्र में एक आलेख लिख कर विवाद को जन्म दिया था। उस लेख में उन्होंने गृह मंत्री पी.चिदंबरम की नक्सल विरोधी नीति से असहमति जताई थी और उन्हें बौध्दिक अहंकारी कहा था। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि उनकी टिप्पणियों से उन्हें चोट पहुंची है तो वह माफी मांगने को तैयार हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा, ''यदि चिदंबरम को चोट पहुंची है, तो मुझे इसका दुख है। वाकई में वह मेरे मित्र हैं, हमने साथ काम किया है और मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहूंगा। मैंने एक ईमानदार टिप्पणी की थी। मैं सोचता हूं कि मुझे ऐसी टिप्पणी करनी चाहिए थी। लेकिन यदि इससे उन्हें गहरी चोट पहुंची है, तो मैं क्षमा चाहता हूं।''
सिंह द्वारा नक्सलियों को आतंकवादी के बदले भ्रमित विचारक कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''जहां तक उनके मुद्दों का सवाल है, उसे लेकर मुझे कोई आपत्ति नहीं है। वे सभी मुद्दे वास्तविक हैं। वे सभी प्रासंगिक हैं। अंततोगत्वा आखिर वे भी जनता हैं। लेकिन मुद्दा यह है कि उनकी रणनीति और उनका तौर-तरीका हर कीमत पर निदंनीय और अमान्य है। वाकई में वे आतंकी नहीं हैं।''
दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम ने स्वीकार किया है कि नक्सलियों के साथ सेना द्वारा नहीं निपटा जा सकता है।
क्यों नहीं इनके भाईबंद जो ठहरे
ReplyDeleteइनके आसपास का कोई इनकी गोली का शिकार जो नहीं हुआ